मानक से अधिक तालाब की खुदाई को लेकर खनन इंस्पेक्टर भी मौन
अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकरनगर। जिले मे डग्गामार वाहन समेत ओवरलोड गाड़ियां सड़क पर फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। जिम्मेदार कोई ठोस कदम नहीं उठाना चाहते हैं। डग्गामार वाहनों से न केवल राजस्व को भारी छति पहुंच रही है। बल्कि आम जनमानस के जीवन के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। जनपद मुख्यालय से सुबह करीब आधा दर्जन से अधिक डग्गामार बसें अयोध्या लखनऊ दिल्ली के लिए सवारियों को भरकर ले जाती हैं। जिससे सरकारी बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या बहुत कम हो जाती है। सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
एआरटीओ के द्वारा इसके प्रति कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है। साथ ही जिले में ओवरलोड चलने वाले वाहनों से कई लाखों की लागत से बनी सडके उखड़ कर चंद दिनों में बर्बाद हो जा रही हैं। दूसरी तरफ एआरटीओ सत्येंद्र यादव जिले में ओवरलोड वाहनों पर लगातार शिकंजा कसने की बात कह रहे हैं। लेकिन इन सड़कों की दुर्दशा देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन पर ओवरलोड वाहनों से ढुलाई करने के बाद सड़क की गिट्टीया उखड़ कर सड़क बर्बाद होने को मजबूर हो गई हैं।

आपको बता दें नगर पालिका अकबरपुर अंतर्गत गौसपुर वार्ड के ऊंचे गांव में नगर पालिका के द्वारा नवनिर्मित गौशाला के बगल मानक से अधिक तालाब की मिट्टी खोदकर हाईवे में ठेकेदार के द्वारा भेजा जा रहा है। डंपर में ओवरलोड मिट्टी होने के कारण जिस सड़क से होकर मिट्टी की ढुलाई की जा रही है। उस सड़क पर कई जगहों पर दरार पड़ गया है साथ ही अभी हाल ही में बने इस सड़क की गिट्टीया उखड़ कर ओवरलोड धुलाई होने का सबूत पेश कर रही हैं।साथ ही नहर की पुलिया को तोड़ कर छतिग्रस्त कर दी गई है।

लेकिन जिले में ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले एआरटीओ साहब की नजर इन ओवरलोड वाहनो पर नहीं पड़ रहा हैं, जबकि इसकी शिकायत फोन के माध्यम से की जा चुकी है इतना ही नहीं अभी हाल ही में पुरानी तहसील तिराहे पर एक ट्रक वाहन के द्वारा जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते गोल चक्कर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। ओवरलोड वाहनों के खिलाफ एआरटीओ साहब एक तरफ अभियान चला रहे हैं दूसरी तरफ अकबरपुर टांडा ओवर ब्रिज पर ओवरलोड डंपर दौड़ता हुआ मीडिया के कमरे में कैद हो गया है। मौरंग मंडी में भी ओवरलोड वाहन लगातार देखे जा रहे हैं। वहीं तालाब से मिट्टी की खुदाई के मामले में भी खनन इंस्पेक्टर मूकदर्शक बने बैठे हैं।





