अवधी खबर संवाददाता
अम्बेडकरनगर। (प्रमोद वर्मा)
पर्यावरण संरक्षण के सरकारी दावों को भीटी तहसील क्षेत्र में खुलेआम चुनौती दी जा रही है। सेनपुर, खजुरी, रायगंज सहित कई स्थानों पर हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई की लकड़ी को एकत्रित किया जाता है। ट्रकों में ओवरलोड कर लकड़ी को अन्य जिलों में बेचा जा रहा है, और यह पूरा खेल प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है।
पेड़ों की हत्या पर प्रशासन मौन!
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, क्षेत्र में कई अवैध आरा मशीनें बिना किसी लाइसेंस के संचालित हो रही हैं। इतना ही नहीं, वैध आरा मशीनों का भी दुरुपयोग कर अवैध लकड़ियों की कटाई और बिक्री की जा रही है। इन पर कोई निगरानी नहीं है, जिससे पर्यावरण को गहरा नुकसान हो रहा है।
लंबी साजिश, बड़े चेहरे शामिल?
बताया जा रहा है कि इस अवैध व्यापार में कुछ प्रभावशाली लोगों और लकड़ी माफियाओं की मिलीभगत है, जो पुलिस और वन विभाग की अनदेखी से बेखौफ होकर हरियाली का गला घोंट रहे हैं। इन क्षेत्रों से पेड़ों की कटी हुई लकड़ियाँ को ट्रकों में ओवरलोड कर अन्य जिलों में भेजी जा रही हैं। रात के अंधेरे में लकड़ी से भरे वाहन सड़कों से निकलते हैं, लेकिन न पुलिस रोकती है, न वन विभाग की कोई टीम सामने आती है। स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों ने इस पर गहरा आक्रोश जताया है। उनका कहना है कि यदि शीघ्र कार्रवाई न की गई तो क्षेत्र की हरियाली खत्म हो जाएगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए गंभीर संकट उत्पन्न हो जाएगा।
प्रश्न वही है — हरियाली बचेगी या माफिया जीतेंगे?
क्या अंबेडकरनगर प्रशासन इस पर्यावरणीय अपराध पर सख्ती दिखाएगा, या हरे पेड़ों की जगह केवल ठूंठ छोड़ जाएगा?





