एंटी करप्शन टीम भेज चुकी है जेल, फिर भी जारी है रसूख का दबदबा
बस्ती। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय, बस्ती में तैनात बाबू संतोष गुप्ता एक बार फिर चर्चा में हैं। वर्ष 2003 से अब तक लगातार एक ही पटल पर जमे इस बाबू पर भ्रष्टाचार, घूसखोरी और विभागीय मनमानी के गंभीर आरोप लग चुके हैं।
पिछले 22 वर्षों में दर्जनभर बीएसए आए और चले गए, लेकिन कोई भी संतोष गुप्ता का तबादला नहीं करा सका। विभागीय सूत्रों का कहना है कि बाबू संतोष गुप्ता का रसूख इतना मजबूत है कि वह हर आदेश को ठंडे बस्ते में डालने में कामयाब हो जाते हैं।
पूर्व जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने भी भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद उनका स्थानांतरण आदेश जारी किया था, लेकिन आदेश लागू होने से पहले ही स्वयं उनका ट्रांसफर हो गया। इस घटना के बाद से संतोष गुप्ता का प्रभाव और बढ़ गया।
जानकारी के अनुसार, एंटी करप्शन टीम ने संतोष गुप्ता को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था और जेल भी भेजा था। इसके बावजूद वह आज भी उसी कार्यालय में तैनात हैं और “मलाई” काट रहे हैं।
वर्तमान बीएसए अनूप कुमार तिवारी पर भी आरोप लग रहे हैं कि वे संतोष गुप्ता का कार्यकाल बढ़ाने की कोशिशों में जुटे हैं। इससे विभाग के कई कर्मचारियों और शिक्षकों में नाराजगी है।
अब जिले की नवागत जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्सना के सामने यह बड़ी प्रशासनिक चुनौती है कि क्या वे 22 वर्षों से जमे इस भ्रष्टाचारी बाबू का स्थानांतरण करा पाएंगी, या फिर बस्ती में भ्रष्टाचारियों का यह खेल इसी तरह चलता रहेगा?



