साहब! कागजों में हुई पांच तालाब की खुदाई धरातल पर दो ही तालाब है मौजूद

Spread the love

नाम बदल बदल कर तालाब खुदाई के नाम पर निकाला गया लाखों रुपए जमकर हुआ भ्रष्टाचार

एक सप्ताह से पोकलैंड मशीन से हो रही तालाब की खुदाई जिम्मेदार सूचना के बाद भी बेखबर, साक्ष्य मिटाने की कोशिश

तालाब की मिट्टी को खुदाई कर आसपास के क्षेत्र में मोटी रकम में जा रही बेची

अवधी खबर संवाददाता
सुल्तानपुर।
भ्रष्टाचार करने वाले पीछे नहीं है उन्हें शासन प्रशासन का कोई डर नहीं है और न ही उनके अंदर मौजूदा सरकार का कोई खौफ है। सूबे के मुख्यमंत्री के लाख दावे की उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है तो यह मानना बहुत ही मुश्किल होगा। भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में उनके जिम्मेदार अधिकारी ही शामिल हैं। ताजा मामला सुल्तानपुर जनपद के बल्दीराय तहसील अंतर्गत ग्राम सैनी का है जहां तालाब खुदाई के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है एक ही तालाब की कई बार खुदाई दिखाकर कई लाखों रुपए का भुगतान अब तक किया जा चुका है। मौजूदा समय में जिस गाटा संख्या में तालाब की खुदाई दिखाई गई है उस गाटा संख्या में मात्र दो ही तालाब मौजूद हैं। जबकि नाम बदल बदल कर कई बार तालाब की खुदाई की गई है जो धरातल पर नहीं दिखाई पड़ रहे हैं।

शिकायत के बाद जिम्मेदार कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।वहीं दूसरी तरफ करीब एक हफ्ते से पोकलैंड मशीन से तालाब की खुदाई की जा रही है तथा उसकी मिट्टी को आसपास के गांव में मोटी रकम में बेची जा रही है। जिसका अभी तक न तो स्थानीय प्रशासन संज्ञान लिया है न तो जिला प्रशासन जबकि इसकी जानकारी ब्लॉक स्तर के अधिकारी व एसडीएम को फोन के माध्यम से अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक तालाब खुदाई का कार्य नहीं रोका जा सका है। एक तरफ शासन का निर्देश है कि तालाब की खुदाई में जेसीबी मशीन का प्रयोग नहीं किया जा सकता। तालाब की खुदाई मनरेगा मजदूरों से किया जाता हैं ताकि उन्हें रोजगार भी मिल सके। आपको बता दें इसमें बहुत बड़ा खेल है तालाब की खुदाई जेसीबी मशीन से कराकर और अपने चाहते मनरेगा मजदूरों के खाते में मजदूरी का पैसा भेजा कर चंद पैसों का लालच देकर सारी मजदूरी का पैसा उनसे वसूल लिया जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि जन सूचना में उजागर भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए जल्दबाजी में पोकलैंड मशीन से तालाब की खुदाई करा कर जिम्मेदारों की आंखों पर पर्दा डालने की कोशिश की जाएगी? अब देखना यह होगा जिम्मेदार इस पर कितना ठोस कदम उठाते हैं इतना बड़ा भ्रष्टाचार अधिकारियों के मिली भगत से होता रहा कई लाखों का सरकारी धन का बंदरबाट कर अपनी जेब गर्म कर ली गई।


आखिर क्या कारण है कि संबंधित सभी अधिकारियों के संज्ञान में मामला होने के बाद भी उनके कान में जू नहीं रेंग रहा है। उल्लेखनीय है कि एक जन सूचना के माध्यम से जानकारी मिली की वित्तीय वर्ष 2009- 10 से 2023- 24 तक पांच तालाब ग्राम सभा द्वारा एक ही गाटा संख्या 49 में नाम बदल बदल कर निर्मित कराया गया है किंतु मौके पर दो ही तालाब उपलब्ध है। जिसमे एक ग्राम पंचायत द्वारा अमृत सरोवर व वही दूसरा जिला पंचायत से निर्मित एक ही स्थल पर विद्यमान है शेष कोई तालाब गाटा संख्या 49 पर उपलब्ध नहीं है। जबकि इसी घाटा संख्या में सभी तालाब को दर्शाया गया है। भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए एक हफ्ते से पोकलैंड मशीन से तालाब की खुदाई की जा रही है। जो नियमों के प्रतिकूल है, पोकलैंड मशीन से तालाब की खुदाई करा करके पुराने तालाब जिसकी खुदाई नहीं कराई गई है उसके साक्ष्य के मिटाने का और सरकारी धन के बंदरबाट का खेल चल रहा है।


Spread the love

Related Posts

विकास की सड़क बनी जलभराव का दरिया!

Spread the love

Spread the loveअवधी खबर संवाददाता बस्ती। मुख्यालय जाने वाला दुबौला चौराहा मार्ग इन दिनों लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। लगातार हुई बारिश के बाद सड़क पर…


Spread the love

SGD स्कूल भवनापुर परिसर में पौधारोपण के नाम पर फर्जीवाड़ा, जांच के नाम पर लीपापोती!

Spread the love

Spread the loveअवधी खबर संवाददाता कप्तानगंज,बस्ती। बस्ती जनपद के कप्तानगंज वन रेंज के अंतर्गत आने वाले SGD स्कूल भवनापुर परिसर में पौधारोपण के नाम पर बड़े पैमाने पर वित्तीय फर्जीवाड़ा…


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *