भियाव विकासखंड के महमूदपुर ग्रामसभा का मामला, मास्टर रोल में एक ही फोटो बार-बार अपलोड, महिलाओं की हाजिरी ज्यादा, काम कम
भियाव (अंबेडकर नगर)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में मजदूरों को रोजगार देकर उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने की मंशा शायद अब केवल कागज़ों तक ही सीमित रह गई है। विकासखंड भियाव के अंतर्गत ग्रामसभा महमूदपुर में मनरेगा के तहत बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है।

मनरेगा वेबसाइट के अनुसार, रक्षाबंधन के पहले से लेकर स्वतंत्रता दिवस तक लगातार 52 मजदूरों की हाजिरी दर्ज की गई, जबकि त्योहारों के कारण अधिकांश लोग अवकाश पर थे। सबसे हैरानी की बात यह है कि मास्टर रोल में किसी ने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली, जो अपने आप में असामान्य है।
एक ही फोटो, पांच मास्टर रोल!
इंटरनेट पर उपलब्ध साक्ष्यों के अनुसार, मजदूरों की एक ही फोटो को पांच अलग-अलग मास्टर रोल में अपलोड किया गया, जबकि सरकारी नियमों के अनुसार प्रत्येक दिन कार्यस्थल की अलग फोटो अनिवार्य होती है।
महिलाओं की हाजिरी ज्यादा, लेकिन फोटो में नदारद
मास्टर रोल में महिलाओं की उपस्थिति दिखाकर भुगतान लिया जा रहा है, जबकि उनकी वास्तविक उपस्थिति संदेह के घेरे में है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बिना काम के ही भुगतान लिया जा रहा है।
ग्राम पंचायत सचिव को दी गई सूचना, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई
ग्राम पंचायत सचिव अपूर्वा सिंह को व्हाट्सएप व कॉल के माध्यम से सभी सबूतों सहित मामले से अवगत कराया गया, लेकिन 15 अगस्त को भी वही प्रक्रिया दोहराई गई। इससे साफ जाहिर होता है कि जिम्मेदार अधिकारी की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
मठिया ग्रामसभा में भी यही खेल, फोटो अलग, मजदूर वही
इसी सचिव के अंतर्गत आने वाली मठिया ग्रामसभा में भी मास्टर रोल में फोटो अलग-अलग दिखाई गईं, लेकिन काम करने वाले मजदूर वही निकले। यह एक संगठित स्तर पर हो रहे घोटाले की ओर संकेत करता है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
सब कुछ खुलेआम हो रहा है, फोटो और मास्टर रोल डिजिटल रूप से सिस्टम में अपलोड होते हैं। फिर भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई जांच या कार्रवाई न किया जाना कहीं न कहीं मिलीभगत की आशंका को जन्म देता है।



