अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकरनगर / लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार और मनमानी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को पुलिस विभाग के कुछ अफसर ठेंगा दिखा रहे हैं। डीजीपी मुख्यालय लखनऊ से जारी तबादला आदेशों के बावजूद प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में अब तक आदेशों का पालन नहीं हो रहा है। स्थानांतरित पुलिसकर्मी को मनमाने ढंग से रोके जाने के मामले लगातार सामने आ रहा हैं, जिससे विभाग के अंदर नाराजगी और असंतोष बढ़ता जा रहा है।
इसी कड़ी में अंबेडकरनगर जिले का एक मामला सबसे चर्चित हो गया है, जहां एक निरीक्षक (इंस्पेक्टर) का तबादला आदेश जारी होने के बावजूद उन्हें अब तक कार्यमुक्त नहीं किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, निरीक्षक श्रीनिवास पांडेय का स्थानांतरण सुलतानपुर जिले से वाराणसी जोन (विंध्याचल परिक्षेत्र, मिर्जापुर) के लिए किया गया था। तबादले के संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक (स्थापना) के आदेश जारी हो चुके हैं, लेकिन अंबेडकरनगर पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें अब तक रवानगी नहीं दी गई है।
इस पर नाराज होकर एसपी सुलतानपुर ने एसपी अंबेडकरनगर को बाकायदा पत्र भेजकर नाराजगी व्यक्त की है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि
अपर पुलिस महानिदेशक, अयोध्या परिक्षेत्र, अयोध्या के आदेश संख्या काफ़्.सीपी-टी-1 (2) 2024/9274 दिनांक 24 जून 2024 के अनुपालन में दिनांक 29 जून 2024 को निरीक्षक श्रीनिवास पांडेय को स्थानांतरण पर प्रस्थान कराया जा चुका है। सेवाभिलाषी रिपोर्ट भी भेजी जा चुकी है। अतः कृपया उन्हें वाराणसी जोन (विंध्याचल परिक्षेत्र, मिर्जापुर) स्थानांतरण पर प्रस्थान कराने का कष्ट करें।
इसके बावजूद निरीक्षक को समय से न भेजे जाने से विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं, जो कि उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना है।
सूत्रों के अनुसार, इस प्रकार के कई अन्य तबादले भी प्रभावशाली हस्तक्षेप के चलते रोके गए हैं, जिससे यह साफ हो गया है कि प्रदेश की जीरो टॉलरेंस नीति की जमीनी हकीकत कुछ और ही है।



