तीन दिन तक चली पंचायत के बाद पुलिस ने लिया सख्त कदम
अवधी खबर संवाददाता
अम्बेडकरनगर। जहांगीरगंज पुलिस ने आखिरकार गैर इरादतन हत्या के गंभीर आरोप में आरोपी चिकित्सक डॉ. जामवंत यादव को जेल भेज दिया है। यह कदम लंबे दबाव और उच्चाधिकारियों के कड़े हस्तक्षेप के बाद उठाया गया। पिछले तीन दिनों से जहांगीरगंज थाने में आरोपी चिकित्सक के लिए एक अनोखी पंचायत चल रही थी, जिसमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
आरोप है कि आरोपी को थाने की हवालात में डालने के बजाय उसे थाने परिसर में खुली छूट दी गई, जहां वह बेफिक्र होकर घूमता रहा और लोगों से बातचीत करता रहा। इस वजह से पूरे तीन दिन तक आरोपी थाने में ही पंचायत करता रहा। डॉ. जामवंत यादव, जो माडरमऊ रोड स्थित मामपुर नरियाँव के अमन हॉस्पिटल के संचालक हैं, पर तिलकटण्डा से लेकर संतकबीरनगर की उमरिया बाजार तक अवैध अस्पतालों का संचालन करने का आरोप है।
स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले को जानते हुए भी चुप्पी साधे रहे। अमन हॉस्पिटल को दो बार सील किया जा चुका है, बावजूद इसके अस्पताल चालू रहा और मरीजों का इलाज होता रहा।राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र की महारमपुर गांव की प्रसूता नीतू यादव की इलाज में कथित लापरवाही के चलते हुई मौत के बाद क्षेत्र में भारी आक्रोश फैला।
इस घटना ने अस्पताल पर लगे आरोपों और पुलिस की मूकदर्शी की पोल खोल दी। हंगामे और मीडिया दबाव के बाद जहांगीरगंज पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया। हालांकि पहले पुलिस आरोपी को जेल भेजने में संकोच करती रही, लेकिन उच्चाधिकारियों के सख्त निर्देशों के बाद आज उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहांगीरगंज में चिकित्सकीय परीक्षण के बाद माननीय जनपद न्यायालय के आदेशानुसार जेल भेज दिया गया।
अब सवाल यह है कि आगे क्या? यह कार्रवाई एक बड़ी जीत मानी जा रही है, लेकिन स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता स्वास्थ्य सेवा और प्रशासनिक जवाबदेही के लिए लगातार कड़ी निगरानी की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।




