दो दर्जन से अधिक लोगों को किया आवास से वंचित जबकि हैं पात्र
अवधी खबर संवाददाता
अम्बेडकरनगर। केंद्र व प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम आवास योजना को धरातल पर लाकर हर गरीब असहाय परिवार को एक सुंदर व सुगम घर बनाकर देने के लिए सरकार योजना तैयार किया हैं। जिससे प्रत्येक गांव में जुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले परिजनों को भी पक्का मकान मिल सकें ताकि गरीब परिवार भी अपनी जिंदगी खुशहाली से जी सकें। लेकिन सरकार के कुछ ऐसे लापरवाह अधीनस्थ कर्मचारी केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने में जरा सा भी कोश कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
वहीं जनपद के अम्बेडकरनगर में पात्रों को आवास से वंचित करने का मामला प्रकाश में आया है। तहसील टाण्डा ब्लॉक बसखारी क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत कल्यानपुर, उदनपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी की सूचना मिलते ही ग्राम प्रधान माया सिंह ने लघु सिंचाई बोरिंग टेक्नीशियन सर्वेयर नियुक्त किये गए अमन यादव पर गंभीर आरोप लगाया हैं।
ग्राम प्रधान ने कहा कि लगभग 20 से अधिक पात्र लाभार्थियों को सर्वे के दौरान डाटा अपलोड नहीं किया गया। जिससे ये लोग आवास से वंचित हो गए हैं, जिसकी लिखित शिकायत माया सिंह ने बसखारी खंड विकास अधिकारी को पात्र मंजूलता, श्रीमती कुमारी, बंदना, सीमा, आरती, इन्द्र कला, राधिका, वर्षा, लक्ष्मी, पुनीता, रीना, संजू, गायत्री, किरन, इंदुलता, निशा, पिंकी, मनोरमा, पूनम, शकुंतला, अलका, इसलावती, शशिकला, सहित अन्य लोगों के नाम की जांच कराकर सर्वेयर के खिलाफ कार्यवाई करने की मांग की हैं।
बताया जा रहा है कि सर्वे इसी सत्र के अप्रैल माह से मई तक हुआ था। वहीं गांव के पात्र समाजसेवी मुकेश कुमार बौद्ध ने बताया कि ग्राम पंचायत कल्यानपुर और उदनपुर दोनों ग्राम सभा को मिलाकर लगभग 64 लोगों का आवास सर्वे हुआ था। जिसमें से कुछ लोगों का सेल्फ सर्वे किया गया। जब विगत कुछ दिन बाद आवास की लिस्ट आने की जानकारी हुई तो देखा गया लगभग 36 लोगों का सूची में नाम शामिल हैं। बाकी लोगों को सूची के बाहर निकाल आवास से वंचित कर दिया गया। जिन जिन लोगों को आवास से वंचित किया गया वो सब पात्र हैं और अधिकांश लोग दलित समुदाय से आते हैं।
जिनके पास पक्का मकान हैं, उन सभी को पीएम आवास आवंटित किया गया हैं। इस सन्दर्भ में जब खंड विकास अधिकारी दिनेश राम से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि जांच कराई जा रहीं हैं, जांच टीम में एडीओ कोआपरेटिव रवि श्रीवास्तव और जेई हेमंत तिवारी को जांच सौंपी गई हैं। वंचित पात्रों को शामिल करने के लिए पूरा है, दोषी पाए जाने पर संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाई की जाएंगी।




