अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकरनगर।
जनपद के भीटी थाना क्षेत्र में पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। फरियादियों को न्याय दिलाने के बजाय गुमराह करने और दबाव बनाने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। ताजा मामलों में गरीब महिला के साथ मारपीट और एक किशोरी के अपहरण के बावजूद थाने की निष्क्रियता उजागर हुई है।
मदारभारी गांव में महिला के साथ मारपीट, पुलिस ने नहीं दर्ज किया मुकदमा
भीटी थाना क्षेत्र के मदारभारी गांव की रहने वाली अंकिता पत्नी तुषार के साथ गांव के दबंग युवक गुड्डू सिंह ने नशे की हालत में मारपीट की। पीड़िता के चेहरे और शरीर पर चोट के निशान साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं। बावजूद इसके, भीटी पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही कोई त्वरित कार्रवाई की। पीड़ित महिला को दिनभर थाने के चक्कर कटवाए गए। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर अपनी पीड़ा बयां की। आरोप है कि थानाध्यक्ष ने पुलिस अधीक्षक को यह कहकर गुमराह किया कि दोनों पक्षों में सुलह हो गई है, जबकि पीड़ित पक्ष ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है।

ढाई माह बाद दर्ज हुआ अपहरण का मुकदमा, IGRS से की गई शिकायत
एक अन्य मामला भीटी थाना क्षेत्र के ही एक गांव का है, जहां करीब ढाई महीने पहले एक युवती का अपहरण कर लिया गया था। पीड़ित पिता थाने की चौखट पर न्याय की गुहार लगाता रहा, लेकिन पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बजाय उसे सुलह की सलाह देती रही। पीड़ित ने थकहार कर मुख्यमंत्री, डीजीपी और आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सोमवार को यानी ढाई माह बाद अपहरण का मुकदमा दर्ज हो सका।
दो सिपाहियों का आतंक, हल्का नंबर दो में बढ़ रही मनमानी
स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हल्का नंबर दो में तैनात दो सिपाही बेलगाम होते जा रहे हैं। उनकी मनमानी और धमकाने की प्रवृत्ति से लोग भयभीत हैं। छोटे-मोटे मामलों में भी पीड़ितों को थाने से टरका दिया जाता है या समझौते के लिए दबाव डाला जाता है। लगातार सामने आ रहे मामलों ने भीटी थाना पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कहीं न कहीं थाने की गतिविधियों पर प्रभावशाली लोगों की छाया हो सकती है। नागरिकों ने पुलिस अधीक्षक अम्बेडकरनगर से मांग की है कि इन मामलों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।




