बस्ती। बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय भ्रष्टाचार में डुबा हुआ है । भ्रष्टाचार की नैया बेसिक शिक्षा अधिकारी अनूप कुमार तिवारी पार कर रहे हैं । बेसिक शिक्षा अधिकारी अनूप कुमार तिवारी व जिलाधिकारी रवीश गुप्ता एवं मुख्य विकास अधिकारी सार्थक अग्रवाल वरिष्ठ बाबू संतोष गुप्ता का स्थानांतरण करने के मामले में अंजान बने हुए हैं जिसका सीधा फायदा बीएसए कार्यालय में 23 वर्षों से तैनात बाबू संतोष गुप्ता को मिल रहा है । बाबू संतोष गुप्ता बीएसए कार्यालय में वित्तीय वर्ष 2003 से लेकर आज तक जमा हुआ है ।
स्थानांतरण नीति के अनुसार कोई अधिकारी / कर्मचारी किसी स्थान पर / एक ही कार्यालय एक पटल पर 03 वर्षों तक ही कार्यरत रहता है लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 23 वर्षों तक बाबू संतोष गुप्ता का स्थानांतरण न होने पर भाजपा सरकार की चारों तरफ किरकिरी हो रही है । वरिष्ठ बाबू संतोष गुप्ता का स्थानांतरण भाजपा सरकार के लिए किसी चुनौती से काम नहीं है ।
सूत्रों से पता चला है कि बीएसए कार्यालय में बाबू संतोष गुप्ता किसी कर्मचारी से बात कर रहा था और कह रहा था कि बीएसए साहब हमको इसलिए पटल से नहीं हटा रहे हैं क्योंकि जितना पैसा हम अध्यापकों से वसूली करके प्रतिमाह बीएसए साहब को देता हूं उतना कोई नया बाबू नहीं दे पाएगा इसलिए हमारा पटेल बीएसए साहब नहीं बदल रहे हैं हम जानते हैं कि पैसा शिक्षक शिक्षकों से कैसे वसूल जाता है । बाबू संतोष गुप्ता बीएसए कार्यालय में बाबू संतोष गुप्ता को कमाओ पूत के रूप में जाना जाता है । जिलाधिकारी रवीश गुप्ता व मुख्य विकास अधिकारी सार्थक अग्रवाल भी बाबू संतोष गुप्ता के भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हुए हैं और मामले में कार्रवाई करने की बजाय लीपापोती कर रहे हैं ।
आप सोच सकते हैं कि दर्जनों बार सम्मानित समाचार पत्रों में बाबू संतोष गुप्ता के स्थानांतरण की खबर प्रकाशित हो चुकी है लेकिन बीएसए अनूप कुमार तिवारी व जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी आंखों में पट्टी व कानों में तेल डालकर बैठे हुए हैं अर्थात् सम्मानित समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर का जिला प्रशासन के अधिकारियों से कोई लेना-देना नहीं है । जिला प्रशासन अपने मनचाहे कार्यों को करने में सफल है । इस संबंध में जिलाधिकारी रवीश गुप्ता से फोन के माध्यम से जानकारी लेना चाहा तो जिलाधिकारी का फोन नेटवर्क क्षेत्र से बाहर निकाला ।




