अंबेडकरनगर।
प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा (पीईटी-2025) के दौरान जिले में नकलचियों की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। रविवार को रमाबाई राजकीय महिला महाविद्यालय परीक्षा केंद्र पर द्वितीय पाली में बायोमेट्रिक जांच के दौरान एक फर्जी परीक्षार्थी रंगेहाथ पकड़ा गया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए फर्जी परीक्षार्थी और असली अभ्यर्थी दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
जानकारी के अनुसार कक्ष संख्या R-2 में अनुक्रमांक 10089348 वाले परीक्षार्थी का बायोमेट्रिक मिलान नहीं हो रहा था। लखनऊ स्थित नियंत्रण कक्ष से दोबारा मिलान कराया गया। संदेह गहराने पर जांच में सामने आया कि असली अभ्यर्थी शैलेन्द्र कुमार यादव पुत्र संतोष कुमार यादव जौनपुर की जगह आज़मगढ़ निवासी अरुण कुमार यादव पुत्र जगदंबा प्रसाद परीक्षा दे रहा था।
जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि शैलेन्द्र कुमार यादव का आधार कार्ड 6 सितंबर को ही तैयार कराया गया था, जो संदिग्ध और कूटरचित प्रतीत होता है। वहीं पकड़े गए अरुण कुमार यादव ने स्वीकार किया कि वह शैलेन्द्र के नाम से परीक्षा देने आया था और इसके लिए उसे सुरेंद्र सिंह यादव ने 27 हजार रुपये दिए थे।
घटना की लिखित जानकारी केंद्राध्यक्ष प्रो. शेफाली सिंह ने पुलिस को दी। स्टैटिक मजिस्ट्रेट देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव की मौजूदगी में कार्रवाई हुई। इसके बाद पुलिस ने शैलेन्द्र कुमार यादव और अरुण कुमार यादव दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी।

इस घटना ने परीक्षा की शुचिता और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन का कहना है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और पूरे मामले की गहन जांच की जाएगी।




