 
									अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकर नगर।
मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर ग्राम सभा अछती से जुड़ी खबर ने आखिरकार असर दिखा दिया है। कुछ दिन पूर्व अमृत सरोवर परियोजना में मौके पर मात्र 10 मजदूर कार्यरत मिले, जबकि मास्टर रोल में 38 मजदूरों की उपस्थिति दर्शाई गई थी। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद अब प्रशासन हरकत में आता दिख रहा है।
मनरेगा सेल के एपीओ अजय गौतम ने बताया विकासखंड अधिकारी रामनगर के द्वारा संज्ञान लेते हुए ग्राम पंचायत सचिव को नोटिस जारी कर दिया है। हालांकि, यहां एक बड़ा सवाल यह उठता है कि मनरेगा योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सीधे तौर पर एपीओ की होती है, फिर भी कार्रवाई सचिव पर केंद्रित कर दी गई है।
स्थानीय लोगों और जानकारों का कहना है कि एपीओ अजय गौतम अब अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए सारा दोष ग्राम सचिव पर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी चर्चा का विषय है कि क्या जिले के जिम्मेदार अधिकारी डीसी मनरेगा इस पूरे प्रकरण में निष्पक्ष कार्रवाई करेंगे, या फिर भ्रष्टाचार पर सिर्फ खानापूर्ति कर इतिश्री मान ली जाएगी।
रामनगर में मनरेगा का सिस्टम राम भरोसे?
यह घटनाक्रम इस ओर इशारा करता है कि जिले में मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजना किस कदर लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या एपीओ अजय गौतम के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होगी या वे इसी तरह चतुराई से जिम्मेदारी टालते रहेंगे।





