अंबेडकरनगर।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव-गांव में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन रखरखाव और संचालन में लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। जनपद अंबेडकरनगर के विकासखंड कटेहरी अंतर्गत मंशापुर गांव में बाबा डंबर दास कुटी के पास बना सामुदायिक शौचालय आज उपेक्षा और बदहाली की कहानी बयां कर रहा है।

बाहर से रंगाई-पुताई और आकर्षक डिजाइनों से सजाए गए इस भवन पर ताले जड़े हुए हैं। शौचालय तक जाने का रास्ता गंदगी और झाड़-झंखाड़ से पटा है। पानी की सप्लाई के लिए समरसेबल और टंकी की व्यवस्था तो है, लेकिन टंकी तक पानी पहुंच ही नहीं रहा। पुरुष शौचालय तक पहुंचने का कोई समुचित रास्ता भी नहीं है।

ग्रामीणों का आरोप है कि शौचालय निर्माण के साथ-साथ पास ही मिट्टी पटाई के नाम पर लाखों रुपये का भ्रष्टाचार कर सरकारी धन का बंदरबांट किया गया। हैरानी की बात है कि केयरटेकर का वेतन और मेंटेनेंस के नाम पर धन निकासी तो होती रही, लेकिन शौचालय महीनों से खुला तक नहीं।
ग्रामीणों ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी और ग्राम पंचायत पूरी तरह आंख मूंदे हुए हैं। इससे यह सामुदायिक शौचालय, जो ग्रामीणों और श्रद्धालुओं की सुविधा का केंद्र बनना था, आज उपेक्षा और भ्रष्टाचार की मिसाल बना हुआ है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस शौचालय को तत्काल उपयोग योग्य बनाया जाए और भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
मंशापुर ग्राम सभा की शेष भ्रष्टाचार की खबर अगले अंक में जल्द ही……….





