कछुआ गति से काम, पांच दिन में सिर्फ चार मीटर लिंटर की खुदाई
अवधी खबर संवाददाता
टांडा-अंबेडकरनगर।
दो जिलों को जोड़ने वाले टांडा-कलवारी पुल पर मरम्मत कार्य का हाल कछुआ चाल जैसा है। पुल की मरम्मत का काम 11 सितंबर से शुरू किया गया और उसी दिन से आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया गया, जिससे दोनों जिलों का संपर्क टूट गया है। टांडा-बांदा और टांडा-बनारस मार्ग पर सन्नाटा पसरा हुआ है, जिससे लोगों को भारी असुविधा झेलनी पड़ रही है।
पांच दिन बीतने के बावजूद मरम्मत कार्य का कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है। अब तक केवल चार मीटर का लिंटर खुदाई कर छोड़ दिया गया है। जिस गति से काम चल रहा है, उससे लोगों में आशंका बढ़ गई है कि पुल की मरम्मत महीनों में भी पूरी नहीं हो पाएगी।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पुल बंद होने से न केवल आवागमन बाधित हुआ है बल्कि व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। लोग वैकल्पिक मार्ग से आने-जाने को मजबूर हैं, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी हो रही है। ग्रामीणों और व्यापारियों ने प्रशासन से अपील की है कि कार्य को तेज़ी से कराया जाए ताकि पुल जल्द से जल्द चालू हो सके और लोगों को राहत मिल सके।




