 
									जलालपुर अंबेडकर नगर
अंबेडकर नगर के जलालपुर तहसील क्षेत्र के अजईपुर अरई गांव में अवैध कब्जे हटाने के लिए प्रशासन द्वारा की गई बुलडोजर कार्रवाई के दो दिन बाद भी माहौल गरमाया हुआ है। बीते शुक्रवार को उप जिलाधिकारी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के साथ बंजर जमीन पर बने अवैध कब्जों को ढहाया गया था। इस दौरान कक्षा एक की छात्रा अनन्या का अपनी कॉपी-किताबों को बचाने के लिए झोपड़ी की ओर दौड़ते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस घटना ने जहां एक मासूम बच्ची के भविष्य की चिंता को उजागर किया, वहीं राजनीतिक दलों के लिए इसे सियासी मौके में तब्दील कर दिया।
रविवार को गांव में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। 
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने परिवार से मुलाकात की। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग उठाई और अनन्या समेत परिवार के अन्य बच्चों की शिक्षा के लिए उचित प्रबंध का भरोसा दिलाया। दूसरी ओर, कांग्रेस के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार यादव के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल का दौरा किया। इसमें सोशल मीडिया सेल के प्रदेश सचिव व प्रियंका गांधी संगठन ऑल इंडिया उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष बृजेश सिंह यादव, प्रांतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य संजय तिवारी और ब्लॉक अध्यक्ष राजकुमार अग्रहरि शामिल थे।
कांग्रेस नेताओं ने योगी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए पीड़ित परिवार का घर उजाड़ने की निंदा की।
मासूम का मार्मिक वीडियो प्रियंका गांधी संगठन ऑल इंडिया उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष बृजेश सिंह यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से साझा किया था, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया। अनन्या की मासूमियत भरी गुहार ने लोगों का ध्यान खींचा, जिसमें वह अपनी पढ़ाई के लिए कॉपी-किताबों को बचाने की कोशिश करती नजर आई। इस घटना ने प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल तो खड़े किए ही, साथ ही राजनीतिक दलों को पीड़ितों के पक्ष में खड़े होने का अवसर भी दे दिया।
हालांकि, प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई नियमों के तहत बंजर जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए की गई थी। लेकिन गांव में अभी भी तनाव और चर्चाओं का दौर जारी है। अनन्या के भविष्य को लेकर उठी आवाजें अब सियासी गलियारों तक पहुंच चुकी हैं, और यह देखना बाकी है कि इस मासूम की गुहार कितना असर दिखाती है।




