अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकरनगर। जलालपुर कस्बे स्थित महिला अस्पताल से एक बार फिर गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल में तैनात डॉक्टर शालिनी पांडे पर गर्भवती महिलाओं ने सरकारी दिशा-निर्देशों की खुलेआम अवहेलना करने का गंभीर आरोप लगाया है। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों में रोष पैदा किया है, बल्कि सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं की प्रभावशीलता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पीड़ित महिलाओं ने बताया कि वे गर्भावस्था के दौरान उचित चिकित्सा जांच और इलाज के लिए 20 से 25 किलोमीटर की दूरी तय कर तपती धूप में अस्पताल पहुंची थीं। लेकिन दोपहर 1 बजे तक सभी मरीजों के अस्पताल पहुंचने के बावजूद डॉक्टर शालिनी पांडे अपनी गाड़ी में बैठकर चली गईं। एक गर्भवती महिला को बड़ी मुश्किल से गाड़ी में बैठे-बैठे देखा गया, जबकि बाकी सभी को बिना इलाज के अगले दिन आने के लिए कहकर लौटा दिया गया।
पीड़ित महिलाओं का कहना है कि गर्भावस्था में समय पर चिकित्सा सुविधा और देखभाल अत्यंत आवश्यक है, लेकिन डॉक्टर की इस लापरवाही के कारण उन्हें न केवल शारीरिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा, बल्कि उनकी सेहत को भी खतरा पैदा हो गया। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए लागू की गई मुफ्त चिकित्सा जांच और इलाज की योजनाओं को इस तरह की लापरवाही से ठेस पहुंच रही है।
स्थानीय भाजपा पूर्व नगर अध्यक्ष व वरिष्ठ समाजसेवी देवेश मिश्रा ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “लापरवाही की सूचना मिलते ही मैं दोपहर 1:31 बजे अस्पताल पहुंचा, लेकिन डॉक्टर शालिनी पांडे वहां मौजूद नहीं थीं। यह गंभीर लापरवाही का मामला है और सरकार की योजनाओं का खुला उल्लंघन है।”
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक गर्भवती महिलाओं को इस तरह की लापरवाही का सामना करना पड़ेगा? क्या जिला प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करेगा?




