अम्बेडकर नगर।
स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र माने जाने वाले महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर की हालत खुद ही बीमार होती जा रही है। विशेष रूप से वार्ड नंबर 1 से 5 तक का नज़ारा ऐसा है कि वहां इलाज के लिए भर्ती हुए मरीज अब गंदगी और दुर्गंध से दोहरी मार झेल रहे हैं।
शौचालयों की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि वहां जाना किसी सजा से कम नहीं लगता। गंदगी, पानी की कमी और चारों ओर फैली बदबू ने मरीजों की तबीयत को और बिगाड़ दिया है। संक्रमण फैलने का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।
“ऐसे तो यहां जो आएगा वह और बीमार होकर रह जाएगा,” यह कहना है एक मरीज के परिजन का खुद यह दुर्दशा देखी है।
मरीजों और उनके परिजनों का आरोप है कि कई दिनों से सफाई नहीं हुई है न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी हालात का जायजा लेने आता है।
जब इस संबंध में अस्पताल प्रशासन से संपर्क किया गया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
सवाल यह उठता है कि जब एक मेडिकल कॉलेज में ऐसी अव्यवस्था है, तो जिले के अन्य अस्पतालों की स्थिति कितनी भयावह होगी — इसका अनुमान लगाना मुश्किल नहीं। मरीजों और तीमारदारों ने मिडिया के माध्यम से जिला प्रशासन से इस स्थिति पर तुरंत संज्ञान लेने की अपील की है। लोगों की मांग है कि मेडिकल कॉलेज में साफ-सफाई, नियमित निरीक्षण और मानवीय सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
अब देखना यह है कि प्रशासन कब जागता है और मेडिकल कॉलेज की बिगड़ती हालत पर मरहम लगाने का काम शुरू होता है या नहीं।




