
अंबेडकरनगर।कृषि विज्ञान केंद्र, पांती अंबेडकर नगर में डॉ. रामजीत की देखरेख में पाँच दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण बकरी पालन एवं प्रबंधन का आज समापन संपन्न हुआ।
इस अवसर पर डॉ. प्रशान्त कुमार वैज्ञानिक – पशु विज्ञान विभाग ने किसानों को बकरियों की महत्वपूर्ण बीमारियों एवं उनके बचाव के उपायों जैसे टीकाकरण, पृथक्करण और संगरोधन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एंथ्रेक्स, हेमरेजिक सेप्टीसीमिया और ब्लैक क्वार्टर जैसी बीमारियों से बचाव के लिए वर्षा ऋतु से पहले टीकाकरण कराना आवश्यक है, जबकि गोट पॉक्स के लिए टीकाकरण केवल तभी किया जाना चाहिए जब क्षेत्र में बीमारी फैली हो। उन्होंने डिपिंग एवं उसकी विधि के बारे में भी जानकारी दी तथा यदि किसी बकरी की मृत्यु बीमारी से हो जाती है, तो उसके निपटान की विभिन्न विधियों के बारे में किसानों से चर्चा की। इसके साथ ही डॉ. शशांक शेखर सिंह (वैज्ञानिक – उद्यानिकी विभाग) ने किसानों को विविध खेती करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन भी करना चाहिए, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मधुमक्खी पालन एवं सब्जी उत्पादन के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। इस अवसर पर डॉ. रामजीत ने किसानों को बकरी पालन से होने वाले विभिन्न लाभों के बारे में बताया। उन्होंने बकरी पालन और खेती की तुलनात्मक जानकारी साझा करते हुए कहा कि बकरी पालन से अप्रत्यक्ष लाभ भी होते हैं, जैसे कि बकरी के मल-मूत्र से मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होती है, जिससे फसल उत्पादन बढ़ता है और यह रसायन मुक्त होने के कारण हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। उन्होंने बकरी पालन के माध्यम से धरती माता, गाय माता एवं जननी माता के स्वास्थ्य में सुधार पर भी जोर दिया। अंत में शिवम कुमार (वैज्ञानिक – पादप रोग विभाग) ने किसानों को चारे की फसलों में लगने वाले विभिन्न रोगों एवं उनके उपचार के बारे में जानकारी दी।
इस प्रशिक्षण में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया और उन्होंने बकरी पालन एवं इससे संबंधित वैज्ञानिक तकनीकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीं।





