शराब माफिया मोतीलाल गुप्ता की 1.75 करोड़ की संपत्ति जब्त, राज्य सरकार की घोषित
अवैध कमाई पर प्रशासन का बड़ा प्रहार, गैंगस्टर एक्ट के तहत ऐतिहासिक कार्रवाई
अंबेडकरनगर। जैतपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2021 में हुए बहुचर्चित जहरीली शराबकांड के मुख्य आरोपी मोतीलाल गुप्ता की अवैध रूप से अर्जित 1.75 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति को विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) की अदालत ने राज्य सरकार की संपत्ति घोषित कर दिया है। यह कार्रवाई संगठित अपराध के खिलाफ जिला प्रशासन, मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन की समन्वित एवं प्रभावी पैरवी का नतीजा है।
उल्लेखनीय है कि 10 मई 2021 को जैतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम सिघोंरा मकदूमपुर में जहरीली शराब पीने से कई निर्दोष ग्रामीणों की दर्दनाक मौत हो गई थी, जिससे पूरे जनपद में सनसनी फैल गई थी। इस हृदयविदारक घटना में थाना जैतपुर में मुकदमा अपराध संख्या 71/2021 दर्ज किया गया था, जिसमें हत्या (धारा 302), मिलावट (धारा 272 आईपीसी) और आबकारी अधिनियम की धारा 60A सहित गंभीर धाराएं लगाई गई थीं।
मुख्य आरोपी मोतीलाल गुप्ता पुत्र रामदेव निवासी मित्तूपुर, थाना पवई, जनपद आजमगढ़ सहित कुल पाँच लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद इन अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत मुकदमा अपराध संख्या 133/2021 दर्ज कर कार्रवाई की गई।
पुलिस द्वारा की गई गहन जांच के आधार पर 3 जनवरी 2022 को मोतीलाल गुप्ता की लगभग 1.75 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्ति की कुर्की की संस्तुति जिला मजिस्ट्रेट को भेजी गई थी। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा 13 मई 2022 को संपत्ति कुर्क करने का आदेश पारित किया गया था।
मोतीलाल ने इस आदेश को चुनौती देते हुए गैंगस्टर एक्ट की धारा 15(1) के तहत संपत्ति मुक्त करने की अपील की, लेकिन जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय ने अपील को खारिज कर पहले के कुर्की आदेश को बरकरार रखा। अंततः विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) की अदालत ने सभी साक्ष्यों व प्रभावी दलीलों के आधार पर मोतीलाल की कुर्क संपत्ति को राज्य संपत्ति घोषित कर दिया।
एसपी अंबेडकरनगर केशव कुमार ने इसे प्रशासनिक सख्ती और संगठित अपराध के विरुद्ध सटीक कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा कि यह संदेश स्पष्ट है कि अपराध करके कमाई गई एक-एक पाई अब सुरक्षित नहीं रह सकती।
यह ऐतिहासिक कार्रवाई न केवल कानून के राज की स्थापना को मजबूत करती है, बल्कि जहरीली शराब जैसे संगठित अपराधों के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का ठोस प्रमाण भी है।




