 
									अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकरनगर। सहकारिता विभाग की दो सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार और गबन की ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जो प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गहरा सवाल खड़ा करती हैं। विकास खंड टांडा के बीपैक्स दाउदचक समिति से 1140 बोरी गेहूं और 78 बोरी यूरिया गायब हो गए। वहीं, बसखारी विकास खंड की एक समिति में सचिव द्वारा फर्जी कर्मचारियों की नियुक्ति कर लाखों रुपये की गड़बड़ी की गई।
बीपैक्स दाउदचक समिति से 1140 बोरी गेहूं और 78 बोरी यूरिया गबन कर लिया गया है। जिला सहकारिता विभाग ने गेहूं खरीद का लक्ष्य सवा तीन लाख क्विंटल रखा था, जिसमें पांच क्रय एजेंसियां काम कर रही थीं। टांडा क्षेत्र की बीपैक्स दाउदचक समिति से गेहूं एफसीआई गोदाम में नहीं भेजे जाने की शिकायत पर जिला सहायक विकास अधिकारी राम बचन ने डीएम की अनुमति से समिति के सचिव अजय कुमार के खिलाफ गबन एवं धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। जांच में पाया गया कि 1200 बोरी गेहूं के स्टॉक में से केवल 60 बोरी ही मौजूद हैं, जबकि 1140 बोरी गायब हैं। यूरिया की 230 बोरी की जगह केवल 78 बोरी मिलीं।
गायब गेहूं और यूरिया की कुल कीमत लगभग 14 लाख रुपये आंकी गई है। सचिव अजय कुमार को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया गया है और उनकी सेवाकाल में पुनः नियुक्ति न करने के आदेश दिए गए हैं। प्रशासन ने रिकवरी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
बसखारी विकास खंड की समिति में फर्जी नियुक्तियों से करोड़ों का घोटाला
इसी बीच, बसखारी विकास खंड की एक सहकारी समिति के सचिव ने अपने सगे संबंधियों को फर्जी नियुक्ति देकर समिति अध्यक्ष और विभागीय अधिकारियों को गुमराह किया। फर्जी बिल व बाउचर के माध्यम से समिति के खातों से लाखों रुपये निकाले गए। यह गड़बड़ी ब्लॉक मुख्यालय के नजदीक स्थित समिति में हुई, जहां जिम्मेदार अधिकारी लगातार मौजूद रहते हैं। बावजूद इसके बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता रहा, जो प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की पोल खोलता है।
सरकार की सख्ती पर उठ रहे सवाल
योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त नीति पर है, लेकिन ऐसे मामले प्रशासनिक विभागों में लगातार उजागर हो रहे हैं। क्या सरकार की सख्ती इस भ्रष्टाचार को रोक पाएगी? जनता के बीच इसका जवाब मांगना स्वाभाविक है।अंबेडकरनगर के सहकारिता विभाग में सामने आई ये भ्रष्टाचार की घटनाएं साफ दर्शाती हैं कि विभागीय निगरानी और जवाबदेही में गंभीर कमी है। आवश्यक है कि उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों को कठोरतम सजा दी जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। साथ ही, समस्त समितियों में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। हमारी टीम इस विषय पर लगातार नजर बनाए हुए है और आगे की जांच तथा प्रशासन की कार्रवाई की अपडेट के साथ आपको अवगत कराएगी।





