 
									अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकरनगर।
जनपद के कटेहरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सरखने किशुनीपुर में मनरेगा कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितता उजागर हुई है। जांच रिपोर्ट में लाखो की योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करने वाली गड़बड़ी सामने आई है। इसी प्रकरण में अब पुलिस ने ग्राम प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
ग्राम निवासी राजीव कुमार दुबे ने जिलाधिकारी को 11 अगस्त 2025 को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि गांव में तालाब की खुदाई एवं मिट्टी डालने के कार्य में भारी धांधली की गई है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए 28 अगस्त को मुख्य विकास अधिकारी और सहायक अभियंता, जिला ग्राम विकास अभिकरण ने मौके पर जांच की।
जांच आख्या में पाया गया कि तालाब के किनारे पर मात्र 280 घन मीटर मिट्टी डाली गई थी, जबकि भुगतान 1856 घन मीटर मिट्टी का दिखाया गया। यानी 1776 घन मीटर मिट्टी का फर्जी भुगतान कर दिया गया। इस गड़बड़ी से सरकारी खजाने को 5,41,376 रूपये का नुकसान हुआ।
जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद उपायुक्त (श्रम एवं रोजगार) ने 12 सितंबर 2025 को पत्र जारी कर ग्राम प्रधान रीता देवी, ग्राम पंचायत अधिकारी/सचिव सरिता शुक्ला और तकनीकी सहायक ब्रम्हदेव त्रिपाठी के खिलाफ मनरेगा गाइडलाइन के तहत 33.33 प्रतिशत वसूली करने और एसओपी के अनुसार एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया था। निर्देशों के अनुपालन में खंड विकास अधिकारी कटेहरी हौशिला प्रसाद ने महरुआ थानाध्यक्ष को तहरीर दिया। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक के विरुद्ध सरकारी धनराशि गबन व दुरुपयोग का मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस कार्रवाई के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत स्तर पर योजनाओं में लंबे समय से गड़बड़ी हो रही थी, लेकिन इस बार जांच ने हकीकत उजागर कर दी। वहीं प्रशासनिक महकमे में भी इस प्रकरण ने हलचल मचा दी है।





