
बस्ती। जिले के स्वास्थ्य विभाग में शासनादेश को ताख पर रखकर कनिष्ठ चिकित्सकों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का प्रभार देकर वरिष्ठ चिकित्सकों को बाहर का रास्ता दिखाने का सिलसिला जारी है जिसके चलते कनिष्ठ व वरिष्ठ चिकित्सकों में गुटबंदी तेज गयी है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है नियमों व शासनादेश को ताख पर रखकर तथा सुविधा शुल्क लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर अधीक्षक के रूप में कनिष्ठ चिकित्सकों कि तैनाती की जा रही है जबकि वरिष्ठ चिकित्सकों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए कार्यालय का चक्कर काटने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
बता दें कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के इस श्वेच्छाचारिक गतिविधियों को लेकर कनिष्ठ व वरिष्ठ चिकित्सकों के बीच गुटबंदी तेज हो गयी है जिसका दुष्परिणाम शीघ्र ही सामने होगा। बता दें कि सरकारी तैनाती होने के साथ निजी प्रैक्टिस के मामले में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी पहले से ही सवालों के घेरे में हैं और अब सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर अधीक्षकों की तैनाती प्रक्रिया में चल रही हेराफेरी के मामले में भी मुख्य चिकित्साधिकारी घिरते नजर आ रहे हैं। जिले में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है कि कनिष्ठ चिकित्सक को सीएचसी का प्रभार दिया गया है जबकि वरिष्ठ चिकित्सक अधीक्षक कि कुर्सी के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का चक्कर लगाने के लिए मजबूर हैं।
जिले में सीएचसी प्रभारी की कुर्सी पाने के लिए लाखों का खेल चल रहा है जिसका आडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उक्त मामले में मीडिया टीम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरएस दूबे से फोन के माध्यम से जानकारी लेना चाहा तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी का मोबाइल फोन कवरेज क्षेत्र से बाहर बताया उनका पक्ष जानने के बाद उनका भी पक्ष प्रकाशित किया जाएगा।





