अवधी खबर संवाददाता
आलापुर अंबेडकरनगर।जनपद अंबेडकरनगर के विकास खंड जहांगीरगंज के शिक्षा क्षेत्र में बड़ी अनियमितता का मामला सामने आया है। उच्च प्राथमिक विद्यालय नरियांव की प्रधानाचार्या इसरावती देवी के विरुद्ध IGRS पोर्टल पर दर्ज गंभीर शिकायत को खंड शिक्षा अधिकारी संतोष पांडेय द्वारा कथित रूप से फर्जी तरीके से निस्तारित करने का आरोप लगा है। शिकायतकर्ता नीलम पत्नी राजेश का कहना है कि बिना उनसे संपर्क किए, बिना साक्ष्य की पुष्टि किए, और बिना मौके पर वास्तविक जांच के खंड शिक्षा अधिकारी ने मनगढ़ंत आख्या बनाकर फर्जी निस्तारण कर दिया।
शिकायत में शैक्षिक अयोग्यता, वित्तीय अनियमितता, और बच्चों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। सूत्रों का दावा है कि हर बार जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। आरोप तो यहां तक हैं कि जब भी कोई अधिकारी जांच के लिए आता है, तो प्रधानाचार्या इसरावती देवी उन्हें ‘रसमलाई’ और एक ‘बंद लिफाफे’ के साथ सम्मानित कर विदा कर देती हैं।
सबसे बड़ा सवाल ये है:
जिस प्रधानाचार्या पर बच्चों को पढ़ाने की योग्यता तक न होने का आरोप है, उसकी जांच बिना बच्चों से संवाद किए और पढ़ाई की गुणवत्ता परखने के बिना कैसे पूरी कर दी गई? क्या खंड शिक्षा अधिकारी ने जानबूझकर शिक्षा व्यवस्था की जड़ों को खोखला करने वालों को संरक्षण दिया? ग्रामीणों और शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि इस पूरे मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जाए, तो शिक्षा विभाग में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार की परतें खुल सकती हैं।
शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह की लापरवाही केवल बच्चों का भविष्य ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की नींव को हिला सकती है।अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर आरोप पर क्या कार्रवाई करता है, या एक और शिकायत ‘रसमलाई नीति’ की भेंट चढ़ जाएगी।




