प्रमोद कुमार वर्मा
अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकरनगर। अकबरपुर कोतवाली पुलिस आए दिन अपने कारनामे से सुर्खियों में बनी रहती है। एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें पुलिस ने मोटी रकम वसूल कर चार दिन बाद दूसरे पक्ष से क्रास मुकदमा दर्ज कर लिया है। फिलहाल जब से कोतवाल श्रीनिवास पांडेय अकबरपुर कोतवाली का प्रभार संभाले हैं तभी से मुकदमा दर्ज करने की बाढ़ आ गई है।इनके जमाने में पैसे के दम पर क्रास मुकदमा दर्ज हो रहे हैं। कोतवाली में सुबह से लेकर शाम तक पीड़ितों की भीड़ जमा रहती है बिना सेटिंग के उनका मुकदमा नहीं दर्ज हो पा रहा है।
ऐसे मामले में पुलिस अधीक्षक को गोपनीय जांच करने की जरूरत है आखिर इतनी संख्या में भीड़ सुबह से शाम तक बरगद के पेड़ के नीचे से सड़क तक क्यों बैठी रहती है और उनसे पुलिसकर्मियों के द्वारा हर मामले में सेटिंग की जाती है रेट तय होने के बाद तब जाकर उनका मुकदमा दर्ज हो पाता है। फिर हाल कोतवाल श्रीनिवास पांडेय का विवादों से पुराना नाता है।
अयोध्या के गोसाईगंज थाना में रहने के दौरान एक मुस्लिम युवक को फर्जी तरीके से उठाकर जेल भेजने के मामले में इनके खिलाफ कोर्ट में परिवाद मुस्लिम युवक के द्वारा दर्ज कराया जा चुका है। इनको थाने का चार्ज ही नही मिलना चाहिए था। फिलहाल जिले में कार्यकाल पूरा होने के बाद भी जनपद का मोह नहीं छोड़ रहा है।
घटना का संक्षिप्त विवरण
घटना कोतवाली क्षेत्र के करमपुर गांव का है। बीते 26 मई की शाम महिला के घर दबंगों ने धावा बोलकर लाठी डंडे से लड़ाई होकर हमलावर ने घर में घुसकर महिला के साथ जमकर मारपीट की थी बीच बचाव करने का प्रयास बेटी के द्वारा किए जाने पर उसको भी मारा पीटा गया था। मारपीट के दौरान महिला को चोट भी आई थी।
हल्ला गुहार होने पर जान से मारने की धमकी देते हुए आरोपी चले गए थे। पीड़िता प्रेमलता पत्नी राजेंद्र कुमार की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने रात में मेडिकल कराते हुए भीटी थाना क्षेत्र के दिलावलपुर निवासी अर्जुन गौड़, मनोज गौड़ व अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के करमपुर गांव निवासी प्रवीण, योगेंद्र, पतिराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था।
विपक्षी तभी से ही मुकदमा दर्ज कराने के लिए एक सफेद पोश नेता के घर का चक्कर लगा रहे थे साथ ही पुलिस को भी गुमराह कर रहे थे लेकिन मुकदमा नहीं दर्ज हो सका था। पीड़ित परिवार को जब इसकी जानकारी हुई तो पुलिस अधीक्षक से मिलकर सारी दास्त सुनाया पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया था कि गलत मुकदमा नहीं लिखा जाएगा।
अब सवाल खड़ा होता है कि कोतवाली पुलिस ने कैसे दर्ज किया मुकदमा
कोतवाली पुलिस को चार दिन बाद शिकायती पत्र देकर विपक्षी मनोज कुमार के द्वारा पत्रकार समेत आधा दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इसमें आरोप लगाया गया कि जमीनी विवाद में उसके मां के पक्ष में फैसला आने के बाद खेत की जुताई करवाने गया था जिसे बंधक बना लिया गया था तथा मारा पीटा गया उसकी मोटर साइकिल तोड़फोड़ कर दी गई थी।
अब सवाल खड़ा होता है कि चार दिन पहले जिनको बंधक बना कर मारा पीटा गया था और गाड़ी तोड़फोड़ की गई थी अब तक कहां बैठे थे। स्थानीय चौकी श्रवण क्षेत्र व अकबरपुर कोतवाली पर चार दिन तक इनके द्वारा सूचना क्यों नहीं दी गई और न ही घटना के समय आपातकालीन पुलिस सेवा (112) का सहायता ली गई।
आखिर क्या पैसे के बल पर चार दिन बाद तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज किया गया ? क्या नेता के दबाव में आकर पुलिस ने दूसरे पक्ष से फर्जी तरीके से मुकदमा दर्ज कर लिया ? इस तरह के तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। जिससे पुलिस की भूमिका और निष्पक्षता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।





