बीते रविवार को महरुआ थाने पर तत्काल सुनवाई न होने पर महिला ने थाने के सामने ही लगा ली थी फांसी
अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकरनगर। महरुआ थाने के सामने फांसी लगाकर आत्महत्या करने के प्रयास मामले में पुलिस ने अपना बचाव करने के लिए महिला के घर पहुंचकर दबाव बनाते हुए अपने पक्ष में लिखित बयान दर्ज करा लिया है। मीडिया से टेलीफिनिक बातचीत के दौरान महिला ने सारी पुलिसकर्मियों द्वारा दबाव में लिखित बयान दर्ज कराने की बात को बताया है। महिला को पैसे की लालच दी गई जिसे अपना इलाज कर सके साथ ही उसे काफी आश्वासन उसके घर पहुंच कर दी। बड़ा सवाल खड़ा होता है अगर पुलिस यही कार्य महिला के थाने पहुंचने पर किया गया होता तो इतनी बड़ी घटना न हो पाती। अब देखना होगा की पुलिस अधीक्षक को दोषी पुलिसकर्मी गुमराह कर पाएंगे या नहीं! पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की गोपनीय जांच कराने की जरूरत है। पूरा मामला महरुआ थाना क्षेत्र अंतर्गत हीड़ी पकड़िया गांव का है।
मिली जानकारी के अनुसार आरती यादव व उसके पति दिनेश यादव के बीच कई दिनों से आपसी विवाद चल रहा था।बीते रविवार दोपहर करीब 2 बजे विवाद बढ़ा तो पत्नी आरती महरुआ थाना पहुंचकर पति के खिलाफ प्रताड़ना करने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायती पत्र देकर अपनी आपबीती बताई। मौके पर हल्का दरोगा व अन्य पुलिस कर्मी मौजूद थे। आरोप है लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की।महिला ने जब उच्च अधिकारियों के पास जाकर शिकायत करने की बात कही तो मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा कहा गया की कही भी जाएगी कार्यवाही यही से होगी उसका मजाक उड़ाते हुए डाट कर भगाने लगे।
महिला फिर भी फरियाद करती रही किसी को महिला की फरियाद पर दया नही आई। जिस पर महिला ने कहा अगर मेरी तत्काल सुनवाई नहीं की गई और हमारे पति को नही बुलवाया गया तो मैं अभी थाने के सामने ही फांसी लगाकर फंदे से झूल जाऊंगी। लेकिन तब भी पुलिस कर्मियों ने उसको कोई संतावना नही दिया।और न ही उसे समझाने बुझाने का प्रयास किया। महिला थकहार कर थाने के ठीक सामने पीपल के पेड़ के पास अपनी साड़ी को उतारते हुए पेड़ की डाल में बाधकर फंदे से झूल गई। जिसपर वहा खेल रहे बच्चो के द्वारा पूछा गया की आप चाची क्या कर रही है।
लेकिन महिला ने उन बच्चो की कुछ नहीं सुना। जिस पर बच्चों ने गांव अगल-बगल के लोगों से तत्काल घटना के बारे में जानकारी दी जानकारी होते ही महरुआ थाने के पुलिसकर्मियों के हाथ पांव फूल गए और तत्काल महिला को फंदे से नीचे उतारते हुए एंबुलेंस बुलवाकर तत्काल उसके गांव जाकर उसके पति को लाते हुए सीएचसी भीटी इलाज के लिए भेज दिया गया था हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। जानकारी हासिल करने पर महरुआ थाना अध्यक्ष के द्वारा इस तरीके की कोई घटना न होने से इनकार कर दिया गया था।
महिला ने मीडियाकर्मी से बताया कि 24 घंटे बाद उसे घर आने पर जब होश आया तो वह अचंभित रह गई की हम तो महरुआ थाने पर गए थे यहां कैसे पहुंच गई।
पीड़िता द्वारा मीडिया के समक्ष खुद बयान देते हुए उसने बताया की महरुआ थाने पर हमारी सुनवाई नहीं हुई और हमारा मजाक बनाते हुए वहां से भगा दिया गया। मजबूरन हमको यह कदम उठाना पड़ा क्योंकि हमारी यह दूसरी शादी है और हमारा यहां कोई नहीं है और हमारा मायका उज्जैन है और हमारे पति दिनेश की भी दूसरी शादी है इनके दो बच्चे एक लड़की और एक लड़का है। जिसकी देखभाल भी मैं ही करती हूं इसलिए पति की प्रताड़ना और महरुआ थाने पर न्याय न मिलने के कारण मुझे मजबूरन फंदे से लटकना पड़ा था।





