अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकरनगर। (प्रमोद वर्मा)
जनपद में अवैध अस्पतालों और फर्जी डॉक्टरों की भरमार के चलते लगातार आमजन की जान जोखिम में पड़ रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। जलालपुर तहसील क्षेत्र के जाफरगंज बाजार से रेलवे स्टेशन मार्ग पर संचालित बंगाली डॉक्टर प्रदीप राय की क्लीनिक इसका जीता-जागता उदाहरण है। यहां न केवल बिना डिग्री इलाज किया जा रहा है, बल्कि मरीजों को भर्ती कर ऑपरेशन तक किए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उक्त क्लीनिक में बवासीर और भगंदर जैसी बीमारियों का अवैज्ञानिक तरीके से इलाज किया जाता है, जिससे कई बार मरीजों की हालत गंभीर हो जाती है। बावजूद इसके, स्वास्थ्य विभाग की टीमें अब तक मौन हैं।
फर्जी डॉक्टरों पर कब चलेगा डंडा?
जनपद में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही हैं, लेकिन कार्रवाई न होना विभागीय निष्क्रियता को उजागर करता है। यह भी चर्चा का विषय है कि आखिर किसके संरक्षण में ये अवैध अस्पताल फल-फूल रहे हैं?
प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) द्वारा गठित निरीक्षण टीमों की निष्क्रियता भी अब शक के दायरे में है। सवाल यह है कि यदि इतने वर्षों से शिकायतें मिल रही हैं तो फिर अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी लापरवाही और फर्जी डॉक्टरों की मनमानी अब जनहित का गंभीर मामला बन चुकी है। अब देखना यह होगा कि क्या जनपद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग नींद से जागकर ऐसे अवैध क्लीनिकों पर सख्त कार्रवाई करता है या फिर मौतों का यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा।





