अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकरनगर।
कटेहरी की रहने वाली पीड़िता लीलावती को 13 वर्षों से न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है। अब जिला उपभोक्ता फोरम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने का आदेश पुलिस अधीक्षक को जारी किया है। यह निर्देश बहुचर्चित लीलावती बनाम सीएमओ मामले में दिया गया है, जिसमें CMO की लगातार न्यायालय में अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार
कटेहरी विकासखंड के लाखीपुर मिश्रौली गांव की रहने वाली लीलावती ने 5 मार्च 2010 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटेहरी में नसबंदी कराई थी। नसबंदी असफल रही और 4 अगस्त 2012 को लीलावती ने एक पुत्री को जन्म दिया। इस दौरान वह लगातार सरकारी अस्पतालों में जांच कराती रहीं।
इसके बाद उन्होंने डॉ. मुकेश चंद्र मिश्रा समेत अन्य के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में वाद संख्या 16/2012 दायर किया। 28 दिसंबर 2013 को आयोजित लोक अदालत में तत्कालीन CMO ने क्षतिपूर्ति देने की सहमति जताई, लेकिन आज तक लीलावती को मुआवजा नहीं मिला। सीएमओ की लगातार गैरहाजिरी से नाराज होकर उपभोक्ता फोरम ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। कोर्ट ने कहा कि पूर्व में जारी कई वारंट तामील नहीं कराए गए, जो न्याय की प्रक्रिया का उल्लंघन है। इसके साथ ही न्यायालय ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले संबंधित पुलिस अधिकारियों पर भी सवाल उठाए हैं।
कोर्ट ने सीओ द्वारा पूर्व में जारी वारंट की तामीली न कराने और वारंट वापस करने को गंभीरता से लेते हुए एसपी अंबेडकरनगर को निर्देशित किया है कि वह सीओ के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करें। कोतवाल अकबरपुर श्रीनिवास पांडेय ने पुष्टि करते हुए बताया कि सीएमओ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट प्राप्त हुआ है और न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा। यह मामला न केवल स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि आम जनता को न्याय मिलने में हो रही देरी का एक बड़ा उदाहरण भी है।





