अवधी खबर संवाददाता
अम्बेडकरनगर। कृषि उपयोग के लिए स्वीकृत ट्रैक्टर ट्रालियां शहर की सड़कों पर अनाधिकृत तौर पर दौड़ रही है। इससे न केवल परमिट
शर्तों की धज्जियां उड़ रही है बल्कि ये ट्रालियां दुर्घटनाओं की परेशानी भी बन रही है। स्थिति यह है कि 10 से 15 हजार परमिट के एवज में कई गुना ज्यादा ट्रैक्टर ट्रालियां जिले में
मौजूद है। इससे शहर का यातायात भी प्रभावित हो रहा है। ट्रैक्टर ट्रालियों का परमिट ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ही जारी किया जाता है। जबकि शहरी इलाकों में इनका उपयोग गैर कानूनी रूप से गैर कृषि कार्यों के लिए हो रहा है। इससे सरकार को हर साल लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है।
परिवहन विभाग नहीं करता कार्रवाई
परिवहन विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ घर बैठे है। इस सम्बन्ध में यहां का न तो जनप्रतिनिधि बोलता है न ही जिला प्रशासन। जबकि इस सम्बन्ध में कई संगठन ट्रैक्टर ट्रालियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके है।
बाधित होता आवागमन
नियम कायदों को धता बताते हुए ट्रैक्टर ट्रालियों का संचालन राज मार्गो से लेकर तंग गलियों में हो रहा है। कई बार इनके कारण आवागमन बाधित होता है। ट्रालियों की चपेट में आने से कई लोगों की जान भी जा चुकी है। इनका संतुलन नहीं बनने से इनके पलटने का खतरा वाहनों की तुलना में ज्यादा रहता है। ट्राली के पीछे बैक लाइट नहीं होने से इनसे सडक दुर्घटनाएं होने का अंदेशा भी बना रहता है। वहीं ट्राली में माल भरे होने से इसका चालक पीछे चल रहे वाहनों को भी नहीं देख पाता।
एआरटीओ से नहीं हो पाई टेलीफोन वार्ता……..
वही जब इसके संबंध में एआरटीओ सतेंद्र यादव से संपर्क किया गया तो उनका फोन नहीं रिसीव हो सका।




