अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकरनगर।
अंबेडकरनगर। टांडा थाना क्षेत्र के ग्राम डुहिया निवासी अधिवक्ता रविंद्र कुमार यादव ने परिवार रजिस्टर में फर्जी प्रविष्टियों के मामले में अपने दिए गए साक्ष्यों को विवेचना में शामिल न करने का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक अंबेडकरनगर और पुलिस महानिरीक्षक अयोध्या मंडल से निष्पक्ष पुनर्विवेचना कराने की मांग की है।
अधिवक्ता यादव का कहना है कि उनके परिवार रजिस्टर क्रमांक 10 और 11 पर नाम, लिंग और जन्म-मृत्यु विवरण में कूटरचना की गई है। इसके साथ ही क्रमांक 19 और 20 पर रामनयन पुत्र ठाकुर प्रसाद और कलावती पत्नी रामनयन का नाम गलत तरीके से दर्ज किया गया। ये व्यक्ति उनके परिवार के सदस्य नहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह हेराफेरी पूर्व प्रधान के भाई गुन्नर और उसके पुत्रगण की मिलीभगत से हुई, जो साल 2017 में जमीन विवाद के पुराने विवाद से जुड़ी रंजिश का नतीजा है। यादव ने बताया कि उन्होंने अपने हाथ से तैयार किए गए दस्तावेज विवेचक को सौंपे थे, लेकिन उन्हें केस डायरी में शामिल नहीं किया गया, जबकि यह कुटुंब रजिस्टर अनुरक्षण नियमावली 1970 के तहत आवश्यक था।
अधिवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान न तो हस्तलेख मिलान किया गया, न ही अन्य महत्वपूर्ण प्रमाण जैसे जनसूचना दिनांक 1 जुलाई 2025 को केस में सम्मिलित किया गया। उन्होंने मांग की कि उनकी पुनर्विवेचना किसी ईमानदार और अनुभवी विवेचक द्वारा एसपी अंबेडकरनगर की देखरेख और आईजी अयोध्या मंडल के पर्यवेक्षण में की जाए, ताकि सच्चाई सामने आए और दोषियों पर कार्रवाई हो सके। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वह उच्चाधिकारियों और न्यायालय की शरण लेने को बाध्य होंगे।




