जिनके कंधों पर जिम्मेदारी जब वही करेंगे खेल, आखिर कैसे पूरा होगा मुख्यमंत्री का पर्यावरण संरक्षण का सपना
अवधी खबर संवाददाता
अंबेडकरनगर। जिले में सरकार द्वारा चलाए जा रहे वृक्षारोपण अभियान में 36 लाख पौधों के लगाने का दावा किया गया है, लेकिन जब जमीन पर हकीकत जानी गई, तो यह दावा शक के घेरे में आया। कई जगह पौधारोपण के नाम पर कूड़ा घरों और अनुपयुक्त स्थानों पर पौधे मृत अवस्था में पाए गए, वहीं सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शीशम के जंगल में पौधों को सिर्फ इकट्ठा करके हरियाली दिखा दी गई, जबकि वास्तविक रूप से कोई नया पौधारोपण नहीं हुआ। मीडिया के हाथों में एक ऐसा पौधारोपण का सबूत हाथ लगा कि जंगल में सभी पौधे इकट्ठा रखे गए हैं।
पौधारोपण का कार्य नहीं किया गया है। विकास खंड बसखारी के ग्राम सभा नरकटा बैरागी के पुरवा हरिदास में नदी के किनारे स्थित प्राकृतिक शीशम के जंगल में हजारों पौधों को इकट्ठा रख दिया गया और इन्हें वृक्षारोपण के आंकड़े में शामिल कर दिया गया। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग और पंचायत प्रतिनिधियों की मिलीभगत से पहले से मौजूद प्राकृतिक पेड़ों और इकट्ठे पौधों को नए पौधारोपण के रूप में दर्ज किया गया, जिससे कागजों में हरियाली दिखाई गई।
ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि स्पष्ट हो सके कि वास्तविक रूप से कितने पौधे लगाए गए और कितने सिर्फ कागजों में हरियाली दिखाने के लिए रखे गए। उनका कहना है कि यदि जांच ईमानदारी से हुई, तो कई विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत सामने आएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाए जा रहे इस अभियान में यह घोटाला न केवल सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि आने वाले वर्षों में जिला की हरियाली और पर्यावरणीय संतुलन को भी प्रभावित कर सकता है।





